आनंद भाई झारखंड से , उम्र 36 साल

एक साधारण आदमी का परिवर्तन जो अंधकार से ज्योति में आए।

आनंद भाई झारखंड से , उम्र 36 साल . इनको मिलाकर , परिवार में कुल 7 सदस्य है . जिसमें इनके माता- पिता , दो भाई , दो बहने , और बेशक आनंद भी . आनंद की पत्नी भी जिसके 2 बच्चे है , वह 10 सालो से दुष्टआत्मा से पीड़ित था और उसका परिवार भी दुष्टआत्मा के कब्जे में था . ज्यादातर , भाई आनंद और उसकी बहन पूजा को दुष्टआत्माओ का हमला होता था.

जबकि, दुष्टआत्मा बार बार यह दोहराती थी कि मैं केवल आनंद के कारण तुम्हारे परिवार में आई हूं और अब मैं उसका अंत कर दूंगी .

आनंद ने अपनी कहानी यह कहने के द्वारा बतायी कि मैं अपने जीवन में सफल नही था . बचपन में, मैं ड्रग्स से प्रभावित हुआ और उन्हे लेने लगा . मेरे पिताजी टाटा कंपनी में सरकारी कर्मचारी थें और हमारे पास एक ट्रेक्टर और यात्री कार थी . क्योंकि परिवार की स्थिति के कारण , हमें अपनी गाड़ियां लोगो को बेचनी पड़ी . फिर , मैं डी.जे. बेचना शुरू किया परंतु किसी कारण वस मैने रोक दिया . मैं बैंग्लोर गया ताकि में उच्च वोल्टेज वाला कार्य शुरू कर सकू, परंतु उसमें 8 लाख रू गवां दिए . उसके बाद, मैं मुम्बई गया कोई अच्छा काम ढूंढने के लिए . परंतु इसके बजाय डेंगूं ने काट लिया जिससे की वजह से मुझे डेगूं का बुखार हो गया . डॉ ने मेरे परिवार को बताया कि डेगूं के काटे जाने से बचने में सक्षम नही है .

इसे सुनने के बाद , मेंरा भाई एक पास्टर के पास गया और कहा कि मेरे भाई के लिए प्रार्थना कीजिए और जो कि उसने की और इससे मै ठीक होता गया . मैं,बाद में , कोलकाता को गया जहां पर मैने इलैंक्ट्रीसियन के रूप में कार्य किया . इस दौरान , मेरा छोटा भाई डिपरेशन में चला गया और जबकि मेरे पिताजी को पैरालाइज से पीड़ित थें. उनकी यह हालत देख और मैं सोचने लगा कि कैसे मैं दर्द को कम कर सकता हूं. मुझे उनके लिए क्या करना चाहिए .

2019 में,ये सारी मुश्किले प्रार्थना के द्वारा मुझे शांति और परमेंश्वर को ढूंढने की ओर ले गई और मै सीनियर पास्टर को ढूंढ पाया . मैने सीनियर पास्टर की बीमारो के लिए और रात की प्रार्थना ग्रहण की उसके बाद मैने मदद के लिए दिल्ली मानमिन कलीसिया से संपर्क किया और उन्होने क्रूस का संदेश सुनने और लाइव सभा में शामिल होने को कहा .

रेंव डा जेरोक ली की प्रार्थना ग्रहण करने के बाद मेरे बुरे सपने अच्छे सपनो में बदल गए .

इसीबीच , मेरे मोबाइल के फंक्सन काम करने बंद हो गए और मुझे अपनी बहन का मोबाइल इस्तेमाल करना पड़ा . मैं 3 से 4 महीने के बाद वापसी से लाइव सभा में शामिल होने लगा और मैने विश्वास का परिणाम और कू्रस के संदेश को सुना. मैने विश्राम दिन को पवित्र मानना भी आरंभ कर दिया और अब मैं पूरी तरह से ठीक हूं क्यांकि यीशु मुझे पूरे हफ्ते सुरक्षा देता है . अब मैं और मेरी बहन आत्मिक युद्व मे नही है इसीलिए कोई भी दुष्टआत्माओ का हमला नही होता . तो भी मेरी बहन को बुरे सपने आते है . हालांकि मैं विश्वासी था परंतु मानमिन के द्वारा ही मैं आत्मिक प्रेम के बारे में सीखा. और अब मैं बिल्कुल ठीक हूं. मैं अब ड्रग्स नही लेता न ही उनसे मेल रखता हूं . मैं अब अपने जीवन में हर वक्त पवित्र आत्मा के स्पर्श को महसूस कर सकता हूं .

मैं विश्वास करता हूं कि केवल मानमिन ही हमें जीवन के बारे में सिखाती है . यह सचमुच बहुत महान है दृ क्योंकि मेरे चंगाई के कारण दोनो मेरे माता और भाई सीनियर पास्टर और उनकी शिक्षाओ पर विश्वास कर पाए .

मैं सोचता हूं कि उस पास्टर ने मेरे मार्ग की अगुवाई की है . उसकी शिक्षाओ ने मेरे जीवन को बदल दिया है . मेरा लड़का अब 4 साल का हो गया है . उसने अपने पैर में चोट लगवा ली थी तो हमने सीनियर पास्टर की प्रार्थना चला दी . परिमाणस्वरूप , मेरा बेटा खुश है और ठीक है बिना कोई दवाई लिए हुए . मेरी पत्नी अंगीकार करती है कि वह बहुत सारा धन्यवाद पिता परमेश्वर और प्रभु को देती है .

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