अमृत कुमार, आयु 33, भारत

मैं एक लाइलाज वंशानुगत बीमारी से चंगा हुआ!
छह साल पहले, मेरा शरीर अचानक कड़ा होने लगा। न तो मैं अपने शरीर को स्वतंत्र रूप से हिला सकता था और न ही चल सकता था। मैं दिल्ली के एक प्रसिद्ध अस्पताल में गया, लेकिन यहां तक कि मेरी बीमारी का नाम भी मेरे से परे था। डॉक्टरों ने मेरी बीमारी का पता लगाने के लिए मुझे कई परीक्षणों से गुजारना पड़ा कि यह क्या है, लेकिन उन्होंने मुझे बताया कि यह ‘लाइलाज वंशानुगत बीमारी है।’ इस बीमारी ने मुझे पूरी तरह से दुखी जीवन में डाल दिया।

मैं अपने आप से कुछ नहीं कर सकता था। मैं खुद से खा भी नहीं सकता था। मैं यह सोचकर चल भी नहीं सकता था कि मेरा शरीर कांपेगा और मैं अपना संतुलन खो दूगां। मैं जीवित था लेकिन मेरा शरीर मृत लग रहा था। मैं अवसादग्रस्त (डिप्रेसड) हो गया और मेरी पत्नी ने भी मुझे छोड़ दिया। मुझे अपनी मां पर निर्भर रहना पड़ा।

फरवरी 2018 में, मेरे पड़ोसी, भाई महेश द्वारा मुझे दिल्ली मानमिन चर्च के बारे में पता चला। मैंने संदेशो के द्वारा बाइबल में दी गई परमेश्वर की इच्छा को सीखा, मैं प्रभु के दिन को पवित्र मानने लगा। इस बीच, मुझे लगा कि मेरे लक्षणों में थोड़ा सुधार हुआ। जैसा कि मैंने एक-एक करके परमेश्वर के वचन का अभ्यास किया, मेरे शरीर में मुझे ताकत मिली और मैं अपने आप चलने लगा। मैं अपने आप तीसरी मंजिल तक सीढ़ियां चढ़ने में कामयाब रहा। मेरे हाथ और पैर जो पहले कड़े हो गऐ थे वो अब ठीक हैं, और अब मैं काम कर सकता हूं!

मैंने मानमिन समर रिट्रीट के बारे में सुना और पूरी तरह से चंगाई प्राप्त करने के लिए खुद को तैयार किया। जैसा कि पास्टर जॉन किम ने मुझे सुझाव दिया था कि मैंने सीनियर पास्टर डा. जेरॉक ली की पुस्तक क्रूस का संदेष को पढ़ा और उनके विश्वास के परिमाण संदेश को सुना। मैंने प्रार्थना और उपवास के साथ पश्चाताप किया।

6 अगस्त को, लगभग दो सौ लोग चर्च में इकट्ठा हुए और जी सी एन लाइव प्रसारण के माध्यम से समर रिट्रीट में भाग लिया। हमने रेव डॉ. सुजिन ली का संदेश सुना। जब उन्होंने रूमाल से बीमारों के लिए प्रार्थना की, जिस पर सीनियर पास्टर ने प्रार्थना की थी (प्रेरितों के काम 19ः11-12), तो मुझे ऐसा लगा कि कोई मुझे छू रहा है। मुझे लगा कि परमेश्वर मुझे चंगा कर रहे है।

अगले दिन, मैंने तरोताजा महसूस किया। मेरा शरीर मुश्किल ही कांप रहा था, मैंने लिखने की क्षमता वापस पा ली। मैंने शब्दों को सही ढंग से उच्चारण करने की क्षमता भी पाई, हालांकि मैं पहले सक्षम नहीं था। अब मैं सामान्य लोगों की तरह सीढ़ियों से ऊपर-नीचे चल सकता हूं।
मेरा शरीर ऐसा था कि किसी भी चिकित्सा उपचार के बिना मर गया हो, लेकिन मैं फिर से पुनः सृष्टि की सामर्थ से वास्तव में जीवित व्यक्ति बन गया।

मैं सारा धन्यवाद और महिमा परमेश्वर को देता हूं जिन्होंने मुझे चंगा किया !

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