(हृदय में उत्कीर्णन करना) वो जो सभी चीजों में धन्यवादी हैं …(Those who are thankful in all things)
जो धन्यवाद देते हैं वो विश्वास करते है कि परमेश्वर पिता उन्हें केवल सबसे उत्तम चीजें देते है।
इसका अर्थ है कि वे मानते हैं कि परमेश्वर पिता का हृदय स्वयं में भला और प्रेम है।
परमेश्वर हमें हमारे जीवन के दौरान हम में से प्रत्येक के लिए सबसे उत्तम चीजें देता है।
आपने अवश्य ही पिता की ऐसी भलाई और प्रेम महसूस किया होगा।
जिस तरह माता-पिता अपने बच्चों के प्रति अपने प्रेम का इजहार करते हैं, ठीक उसी तरह परमेश्वर भी अपने बच्चों के प्रति हृदय से पूरी भलाई और प्रेम का इजहार करते हैं। आपके पास जो गवाहियां हैं वे प्रमाण हैं।
जो लोग परमेश्वर के प्रेम और भलाई को समझते हैं, वे आनन्दित हो सकते हैं और धन्यवाद दे सकते हैं चाहे वे कितनी भी आजमाइषों, परीक्षाओं या कठिनाइयों का सामना करें।
वे परमेश्वर के हृदय को समझने की कोशिश करते हैं जो उन्हें ऐसी परिस्थितियों का सामना करने देता हैं, और इस प्रकार वे अपने हृदय की गहराई से धन्यवाद दे सकते हैं।
यह उत्सुकता से विश्वास के कार्यो के द्वारा परमेश्वर को खोजना है, जो कि आत्मा है। यह परमेश्वर पिता पर विश्वास करना है, जो हमें केवल सबसे उत्तम चीजें देता है।
जो सभी चीजों में धन्यवाद देते है वो विश्वास करते है कि परमेश्वर के विचार उनकी तुलना में ऊंचे हैं।
उदाहरण के लिए, एक निश्चित कार्य करने में, एक व्यक्ति जिसके पास शारीरिक सीमाएँ हैं, वह कार्य करने का केवल एक तरीका देख सकता है।
हालाँकि, परमेश्वर जो आत्मा है वह 2, 3 या 4 तरीके या अधिक देख सकता है जो पहले तरीके से बेहतर हैं।
जो लोग परमेश्वर में विश्वास करते हैं, वे इस तथ्य को स्वीकार करेंगे कि उनके विचार परमेश्वर से अलग हो सकते है।
भले ही परमेश्वर उन्हें ऐसे रास्ते पर ले जाए जिसकी उन्होंने कभी उम्मीद भी नहीं की थी, फिर भी वे धन्यवाद देते हैं।
लेकिन जैसे-जैसे लोग अधिक अनुभवी होते जाते हैं और उनका पद ऊंचा होता जाता है, उनका हृदय भी ऊंचा उठने लगता है। यदि वे शिक्षक या अगुवे बन जाते हैं, तो वे आत्मिक वयस्क बनने की संभावना रखते हैं। हर समय परमेश्वर की इच्छा पूछने के बजाय, वे सोचते हैं कि वे परमेश्वर की इच्छा को जानते हैं और अपनी राय पर जोर देते हैं।
हमें विश्वास करना चाहिए कि परमेश्वर के विचार हमारी तुलना में ऊँचे हैं। हमें परमेश्वर के वचन पर ध्यान देना चाहिए, और पवित्र आत्मा की आवाज़ को हर समय आत्मा में प्रार्थना करके सुनना चाहिए।
जो लोग सभी चीजों में धन्यवाद (Thankful in all things)देते हैं वे पिता परमेश्वर की इच्छा का पालन करेंगे।
जो लोग इस बात पर विश्वास करते हैं कि परमेश्वर उन्हें सबसे उत्तम वस्तुंए देते हैं और उसके विचार उनकी तुलना में ऊँचे हैं, वे परमेश्वर की इच्छा का पालन करेंगे जैसे ही उन्हे पता चलेगा कि परमेश्वर की इच्छा क्या है।
जैसे की परमेश्वर ने यशायाह 1ः19 में वायदा किया था, “यदि तुम आज्ञाकारी होकर मेरी मानो तो तुम इस देष के सर्वश्रेष्ठ पदार्थ खाओगे,” उन्हें उत्तर, आशीषें और समृद्धि दी जाती है।
जितना अधिक हम पिता के हृदय को समझते हैं, उतना ही हम उसकी अच्छी इच्छा और हमारे प्रति प्रेम को समझते हैं, और इस तरह हम सभी चीजों में धन्यवाद देते हैं।
डॉ. जेरॉक ली के संदेश, “परमेश्वर पिता का प्रावधान“।
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