टेट्राप्लाजिया के साथ स्थायी रूप से अपंग मेरा चचेरा भाई चलने लगा (My permanently-disabled cousin with tetraplegia came to walk!”)

आदर्श वर्मान, उम्र 21, भारत

मैं एक ब्राह्मण परिवार में पैदा हुआ था जिसने पूरी पीढ़ियों में हिंदू धर्म की सेवा की थी। हमारे घर के सामने वाले हिस्से में एक हिंदू मंदिर भी था। जब मैं जवान था, मैंने अपने माता-पिता को खो दिया और मथुरा में अपनी दादी के साथ रहा, जो भारत की राजधानी दिल्ली से 200 किमी दूर है।

मेरी चाची पास में ही रहती हैं और उनके 18 वर्षीय बेटे रिंकू (दाएं फोटो) को जन्मजात सेरेब्रल पाल्सी थी, इसलिए वह बात नही कर सकता था, चल नही सकता था और खाना नहीं खा सकता था। मेरी चाची के परिवार को हर समय उनकी देखभाल करनी पडती थी। उसकी चंगाई के लिए वो बहुत से अस्पतालों और हिंदू मंदिरों में गऐं, लेकिन सब कुछ बेकार था।


मेरा चचेरा भाई जिसको टेट्राप्लाजिया था, वो चलने लगा।

जुलाई 2010 में, उन्हें एक स्थायी विकलांगता का पता चला, जिसके साथ उनके शरीर का 75 प्रतिशत हिस्सा टेट्राप्लाजिया के कारण बहाल होना असंभव था। पुस्तकों से उपचार के बारे में सीखने की उम्मीद के साथ, मैं फरवरी में 2014 के दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले में गया।

मैं उरीम बुक्स के बूथ पर गया, और वहाँ मैंने परमेश्वरके सामर्थी कार्यों के बारे में सुना। मैं चकित था और मुझे आशा मिली की, कि रिंकू चंगा हो सकता है। बाद में अप्रैल में, मैं दिल्ली मानमिन चर्च गया और परमेश्वरकी सामर्थ द्वारा किए गए कई चौंकाने वाले चंगाई के कार्यों के बारे में सीखा। मैंने कहा कि अगर रिंकू ठीक हो जाऐगा, तो मैं चर्च जाउंगा।

मई 2014 में पास्टर जॉन किम ने रिंकू के लिए फोन पर प्रार्थना की। उन्होंने रूमाल के बारे में बताया जिस पर रेव. डॉ. जेरॉक ली ने प्रार्थना की थी (प्रेरितों के काम 19ः11-12) और उन्होंने कहा कि वह इसे प्रार्थना में फोन पर लगाएंगे।

उन्होंने विश्वास के साथ प्रार्थना ग्रहण करने के लिए आग्रह किया क्योंकि रेव. डॉ. जेरॉक ली की सामर्थ के कार्य रूमाल के माध्यम से भी हो सकते है। रिंकू और उनके परिवार ने प्रार्थना को एक साथ ग्रहण किया। आश्चर्यजनक रूप से, उनकी स्थिति में सुधार हुआ।

25 मई को मैं अपनी चाची और रिंकू के साथ दिल्ली मानमिन चर्च गया। 45 डिग्री सेल्सियस गर्म मौसम में बिना एयर कंडीशनर के बसों और टैक्सियों द्वारा चार घंटे में चर्च जाना आसान नहीं था।

लेकिन हम आखिरकार वहां पहुंच गए और रविवार की सभा में शामिल हुए। पास्टर किम ने सामर्थी रूमाल के साथ नए लोगों के लिए प्रार्थना की। तब एक महिला ने जो पहली बार चर्च आई थी, कहा कि वह अब सुनने लगी, हालांकि वह सक्षम नहीं थी।

तभी रिंकू खड़ा हो गया और वह चलने लग गया। वह 18 साल के अपने पूरे जीवन में पहली बार चलने लगा। तब उसका लकवा दूर हो गया। जैसे-जैसे उसके हाथ सामान्य होते गए, वह खुद खाने और चलने लगा। जैसे-जैसे उसका मुंह सामान्य हुआ, उसने बोलने के लिए सीखना शुरू कर दिया। हाल्लेलुयाह।

उनका सारा परिवार बहुत खुश महसूस करता है। तब मैंने प्रभु को स्वीकार किया और रेव. डा. जेराक ली की किताबें क्रूस का संदेश और विश्वास का परिमाण पढ़ते हुए परमेश्वर के वचन का अध्ययन कर रहा हूं। मैं सारा धन्यवाद और महिमा परमेश्वर को देता हूं, जिन्होंने मुझे सच्चा जीवन दिया।#

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