jesus was nailed through his hand and feet
क्रूस का संदेश (15) क्या कारण है कि यीशु के हाथों और पैरों में कीले ठोकी गई?(The Reason Jesus Was Nailed through His Hands and Feet – Message of cross (15) )

परन्तु वह हमारे ही अपराधो के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं। (यशायाह 53:5)।

यीशु को मनुष्य जाति को बचाने के लिए जो सभी पापी बन गए थे, परमेश्वर के प्रावधान में क्रूस की सजा को सहना पड़ा। फिर, उस प्रावधान में क्या अर्थ है जिसमें यीशु को उसके हाथों और पैरों मे कीले ठोकी गई ?

  1. ) इसका कारण कि यीशु के हाथों और पैरों में कीले ठोकी गईः- (The Reason Jesus Was Nailed through His Hands and Feet)

प्राणदंड के अधिकांश भाग में शरीर पर बहुत अधिक दर्द लाए बिना अपेक्षाकृत कम समय में समाप्त हो जाते हैं। हालांकि, क्रूस पर चढ़ाया जाना लंबे समय तक दर्द की एक कष्टदायी पीड़ा देता है। जब किसी व्यक्ति के दोनों हाथों और पैरों को लकड़ी के क्रूस पर ठोक दिया जाता है, जिसे बाद में जमीन पर सीधा खड़ा कर दिया जाता है, तो उसका सारा वजन उसके शरीर में नीचे की ओर चला जाता है और यहां तक कि अधिक दर्द उन स्थानों पर होता है जहां कीले ठोकी जाती हैं। इसके अलावा, जैसे की घातक शरीर के नाजुक हिस्सों को छेदते नही हैं, तो भी व्यक्ति का लगातार खून बहता है और जब तक वह अपने अंतिम सांस नहीं लेता है तब तक दर्द और पीड़ा को सहता रहता है।

किस कारण से यीशु के हाथों और पैरों मे कीले ठोकी गई?(what was the Reason Jesus Was Nailed through His Hands and Feet )यह मनुष्य को उसके द्वारा किए गए सभी पापों से छुटकारा दिलाने के लिए जो कि उसने अपने हाथों और पैरों से किए थे।

मरकुस 9ः43-45 में लिखा है, श्यदि तेरा हाथ तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट डाल टुण्डा होकर जीवन में प्रवेश करना, तेरे लिये इस से भला है कि दो हाथ रहते हुए नरक के बीच उस आग में डाला जाए जो कभी बुझने की नहीं। जहां उन का कीड़ा नहीं मरता और आग नहीं बुझती। और यदि तेरा पांव तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट डाल। लंगड़ा होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इस से भला है, कि दो पांव रहते हुए नरक में डाला जाए।” पापरहित यीशु ने लहू बहाने तक और अपने हाथों और पैरों में कीले ठुकवाकर हमें हमारे पापों से छुड़ाया है जो पाप हमने अपने हाथों और पैरों से किये थे।

इसलिए, जो कोई भी यीशु को अपने उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार करता है, वह अपने हाथों और पैरों को काटे बिना क्षमा प्राप्त कर सकता है जब वह पश्चाताप करता है और यहां तक कि पवित्र आत्मा की सामर्थ से सभी पापों से खुद को छुटकारा दिला सकता है। हमारे पापों को क्षमा करने के लिए और हमें नर्क की आग में गिरने से रोकने के लिए, यीशु ने स्वयं को क्रूस पर होने वाली क्रूर पीड़ा के अधीन किया।

फिर भी, जो लोग यीशु पर विश्वास रखते हैं और अपने पापों का पश्चाताप अपने होंठों से करने का दावा करते हैं, उनमें से कई अभी भी पाप के बीच जीते हैं। 1 यूहन्ना 1:6 हमें बताता है, यदि हम कहें, कि उसके साथ हमारी सहभागिता है, और फिर अन्धकार में चलें, तो हम झूठे हैं और सत्य पर नहीं चलते। यदि आप वास्तव में विष्वास करते हैं कि यीशु के हाथों और पैरों में कीले ठोकी गई ( Jesus Was Nailed through His Hands and Feet)और हमारे पापो के कारण क्रूस पर पीड़ा को सहा, तो आप फिर कभी पाप नहीं कर सकते।

  1. व्यवस्था के श्राप से मुक्त होने के लिए ज्योति में
    चलना।

पापरहित यीशु हमारी ओर से श्रापित हुआ लकड़ी के क्रूस पर मरने के द्वारा, और जो कोई भी इस बात पर विश्वास करता है उसके सभी पाप क्षमा हो जाते है और व्यवस्था के श्राप से मुक्त हो जाता है। जो लोग विश्वास करते हैं और यीशु को उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार करते हैं उनको बीमारियों, दुर्बलताओं, गरीबी और अन्य सभी प्रकार की विपत्तियों से मुक्त किया गया है।

इसलिए, परमेश्वर की संतान जिन्होंने प्रभु को स्वीकार किया है और परमेश्वर के वचनों के अनुसार जीते हैं, हमेशा उसकी चैकस निगाहों के नीचे हैं। यदि परमेश्वर के वचन द्वारा जीने पर भी परीक्षा और पीड़ा आती है, तो ये परीक्षा आशाीषो के लिए आती हैं। याकूब 1:12 धन्य है वह मनुष्य, जो परीक्षा में स्थिर रहता है क्योंकि वह खरा निकल कर जीवन का वह मुकुट पाएगा, जिस की प्रतिज्ञा प्रभु ने अपने प्रेम करने वालों को दी है। जैसा कि कहा गया है, धन्यवाद के साथ परीक्षाओं पर विजय पाने पर आत्मा और शरीर दोनों में आशीषे प्राप्त करेंगें।

यदि आप परमेश्वर के वचन के अनुसार जीने में असफलता के कारण परीक्षाओं और पीडाओं का सामना कर रहे है तो आपको क्या करना चाहिए? यह आपके लिए जल्दी से पश्चाताप करने और बीते समय के अपने मार्गाें से फिरने का समय है। एक बार जब आप पाप की दीवार को नष्ट कर देते हैं और विश्वास से प्रार्थना करते हैं, तो परीक्षा और पीड़ा के पास कोई चारा नहीं होता वो आपसे दूर हो जाती है। कुछ उदाहरणों में, आपको अपने पाप के कारण नहीं बल्कि दुर्घटनाओं के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। यहां तक कि ऐसे समय में, परमेश्वर आपके विश्वास के अनुसार अपना कार्य करेगा यदि आप उस पर भरोसा करते हैं। जैसा कि यीशु क्रूस पर श्रापित हुआ, उसके द्वारा किसी को भी विश्वास के द्वारा उसके पापों को क्षमा किया जा सकता है और व्यवस्था के श्राप से मुक्त किया जा सकता है।

क्या इसका मतलब यह है कि हमारा अंगीकार, प्रभु, मैं विश्वास करता हूं। क्या हमें बिना शर्त क्षमा मिलेगी? जैसा कि बाइबल हमें 1 यूहन्ना 1:7 में बताती है, पर यदि जैसा वह ज्योति में है, वैसे ही हम भी ज्योति में चलें, तो एक दूसरे से सहभागिता रखते हैं और उसके पुत्र यीशु का लहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है, ”क्षमा पापों की सशर्त स्थिति हमारे ज्योति में चलने पर है। बाइबल में कहीं भी हमें यह नहीं मिलता कि हम पाप करने के बावजूद भी उद्धार पा सकते हैं।

यीशु हमें मत्ती 7:21 में यह भी बताता है, जो मुझ से, हे प्रभु, हे प्रभु कहता है, उन में से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है। इस प्रकार, क्षमा दी जाएगी और पूर्ण उद्धार तभी पूरा होगा जब हम यीशु को अपने उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार करेंगे, अपने पापों का पश्चाताप करेंगे, फिर कभी पाप करने का प्रयास नहीं करेंगे, और ज्योति में चलेंगे।

  1. दो डाकूओं द्वारा बोली गई बातों का बाइबल में अभिलेखित बातों में अंतर।

जब यीशु को क्रूस पर चढ़ाया गया, तो बहुत से लोग इकट्ठा हुए और यीशु का मजाक और अपमान कर रहे थे। यीशु के दोनों ओर क्रूस थे जिस पर दो डाकूओं को क्रूस पर चढ़ाया गया था। उनके बारे में हमें मत्ती 27:44 में पता चलता है, इसी प्रकार डाकू भी जो उसके साथ क्रूसों पर चढ़ाए गए थे उस की निन्दा करते थे। फिर लूका 23:39-43 से, हम डाकूओं में से एक को यीशु को अपमान करने और दूसरी डाकू उसे डांटते हुए पाते है।

लिखे हुए में अंतर कैसे समझाया जा सकता है? यह परमेश्वर के कार्य का हिस्सा था ताकि भविष्य की पीढ़ियों के पाठकों को इस घटना की अधिक स्पष्ट छवि मिल सके। अपने दिमाग में एक चित्र बनाएँ गोलगोथा के ऊपर तीन क्रूस खड़े हुए, आस-पास की घटनाओं को देखने के लिए एक बड़ी भीड़ एकत्र हुई। वहाँ रोमन सैनिक भाले और ढाल के साथ अतिरिक्त दर्शकों की भीड़ को रोकने की कोशिश कर रहे थे।

ऐसी उपद्रवी परिस्थितियों में, एक व्यक्ति जो एक डाकू की तरफ खड़ा था, वह स्पष्ट रूप से सुन सकता था कि डाकू द्वारा क्या कहा जा रहा है, लेकिन स्पष्ट रूप से दूसरे डाकू के शब्द नहीं। दूसरे शब्दों में, पश्चाताप करने वाले की दूसरे डाकू को फटकार जो यीशु का अपमान कर रहा था ऐसा सुनाई पड़ता है कि पश्चाताप करने वाला डाकू वास्तव में यीशु को डांट रहा है। फिर भी, वो लोग जो जो यीशु के बगल में पश्चाताप वाले डाकू के पास खड़े थे यीशु और डाकू दोनों के शब्दों को स्पष्ट रूप से सुन सकते थे और घटना को सटीक अभिलेखित कर सकते थे।

बेशक, सर्वशक्तिमान परमेश्वर बाइबल के लेखक को बताए गए हर विवरण को प्रकट करने में सक्षम है। अभिलेख में इस तरह के अंतर की अनुमति देकर, हालांकि, परमेश्वर ने उन लोगों के लिए संभव बनाया है जो पवित्र आत्मा की प्रेरणा में बाइबल पढ़ते हैं, जिसमें यीशु के क्रूस की एक उज्ज्वल तस्वीर है जिसकी तुलना हम उस सुसज्जित थिऐटर से कर सकते है जिसके बडे पर्दे पर हम फिल्म देख रहे हो।

इसलिए, जब हम बाइबल के कुछ हिस्सों को देखते हैं, जो हमारे विचारों के अनुरूप नहीं हैं, तो उनका शारीरिक विचारों और मानकों के साथ न्याय करने के बजाय, हमें सबसे पहले पवित्र आत्मा की प्रेरणा में आत्मिक अर्थ को समझना चाहिए।

मसीह में प्रिय भाइयों और बहनों, अब जब आपने सीख लिया है कि क्या कारण है यीशु के हाथों और पैरों में कीले ठोकी गई है, तो आपको यह विश्वास करके अपने पापों की क्षमा प्राप्त करनी चाहिए। मैं प्रभु के नाम से प्रार्थना करता हूं कि आपके हाथ और पैर हमारे उद्धारकर्ता के प्रेम को फैलाने वाले दूत होंगे, और आप पवित्र आत्मा की प्रेरणा में परमेश्वर के वचन को समझेंगे, और उन सभी अधिकारों और आशीषों का आनंद लेंगे जिनके लिए आप परमेश्वर की संतान के रूप में हकदार हैं।

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