सफलता की ताकत हृदय में है

( हृदय में उत्कीर्णन करना ) सफलता की ताकत हृदय में है।

दिसंबर में हम नए साल के लिए नए संकल्प लेते हैं।
हम अगले महीने, अगले सप्ताह और अगले दिन के लिए योजनाएँ बनाते हैं।
अब यह देखने के लिए अपने आप को जाँचें कि क्या आपने अपना मन बदले बिना वही किया है, जिसकी आपने योजना बनाई थी।
जब चीजें योजना के अनुसार नहीं होती हैं, तो कोई न कोई कारण होना चाहिए।
यह एक गुण के कारण है, वह मन जो बदलता है।

आप कहते हैं, मैं इसे अगले महीने निश्चित रूप से करूँगा, लेकिन हो सकता है कि यह आपकी योजना के अनुसार न हो। फिर, आपको बस इतना करना है कि एक नया संकल्प फिर से बनाना है और उसे करना है।
साथ ही आपको अपने हृदय को नियंत्रण करना होगा।
यानी जैसे आप समस्या को सुधारते हैं, वैसे ही आपको अपने हृदय पर नियंत्रण रखना चाहिए ताकि आप अपने संकल्प के अनुसार चलते रहें।

अंत में, आप अपने हृदय को नियंत्रित कर सकते हैं, उस पर शासन कर सकते हैं और उसे अपने वश में कर सकते हैं।
इस तरह एक समय पर आप अपनी योजना के अनुसार सब कुछ कर पाएंगे।
आप एक ताकतवर व्यक्ति बन जाएंगे जो एक बार चीजों को करने का निर्णय लेने के बाद कर सकते हैं।
परमेश्वर पिता की इच्छा में आप चीजें समृद्ध रूप से कर सकते हैं।
आपका हृदय बड़ा हो जाएगा। यदि आपने जो योजना बनाई है उसे पूरा कर सकते हैं, तो अगली बार आप और भी बड़ी चीजें हासिल करेंगे।
यदि आप अपने हृदय पर नियंत्रण और शासन कर सकते हैं, तो ऐसा क्या है जो आप प्रभु में नहीं कर सकते?
यदि आप अपनी योजना को पूरा करने में विफल रहते हैं, तो अपने आप पर चिंतन करें, कारण खोजें और उसे ठीक करें। जिस हद तक, आप सुधार करेंगे और जो आपने योजना बनाई है उसे प्रभु में पूरा करने में सक्षम होंगे।

सब से अधिक अपने मन की रक्षा कर, क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है। (नीतिवचन 4ः23)।

रविवार्य सुबह की आराधना में सदस्यों के लिए सीनियर पास्टर का संदेश ।
31 मार्च 2018
(हृदय में उत्कीर्णन करना) वो जो सभी चीजों में धन्यवादी हैं  – संदेश पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

रेंव डाॅ जेराॅक ली के संदेशो को सुनने के लिए यहां – क्लिक करें

Leave a Reply