शिवांश मसीह, जो 6 साल के हैं (मुरादाबाद, भारत)
28 जनवरी 2024 को, 6 साल के शिवांश मसीह को बहुत तेज बुखार हुआ। उसके पिता, संजय, ने उसकोे एक एंटिपायरेटिक(बुखार उतरने की दवाई) दी, और पहले तो ऐसा लगा कि बुखार कम हो रहा है। हालांकि, अगले दिन, शिवांश की स्थिति तेजी से बिगड़ने लगी, और उसकी स्थिति और ज्यादा खराब होती गई। उसके पिता संजय उसे तत्काल मुरादाबाद, भारत के एक बड़े अस्पताल ले गए। अस्पताल में, डॉक्टरों ने निर्णय लिया कि शिवांश की स्थिति गंभीर है और उसे वेंटिलेटर की जरूरत है। चिकित्सा टीम ने जल्दी से उसको देखा, लेकिन उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ, उसको दौरे पड़़ने लगे, और उसकी आंख की पुतली भी असामान्य हो गई। चिकित्सा टीम ने निष्कर्ष निकाला कि शिवांश की देखभाल उनके संसाधनों की सीमाओं से अधिक है और वे उन्हें भारत के ऋषिकेश में सबसे बडे़ अस्पताल AIIMS में विशेष ईलाज के लिए ट्रांसफर करने की सिफारिश की (AIIMS भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय अस्पताल है)।
30 जनवरी को, AIIMS अस्पताल में, डाक्टर ने बताया कि शिवांश को एन्सेफेलाइटिस नाम की बीमारी है। एन्सेफेलाइटिस में दिमाग में सूजन, और दिमाग में बहुत से परिवर्तन हो सकते है, जैसे की बेहोश हो जाना, और व्यवहार में बदलाव हो सकते हैं। शिवांश के मामले में, स्थिति अत्यंत गंभीर थी, जिसने जीवन को खतरे में डाल दिया था, और संभावना थी कि अगर वह जीवित रहता तो हमेशा के लिए उसका दिमाग ठीक से काम नहीं करता, और वह बोल नहीं पाता, सुन नहीं पाता, और चल नहीं पाता। शिवांश दो हफ्तों तक बेहोशी हालात में रहा।
उसके पापा संजय मसीह, जो दूसरे चर्च जाते हैं, वह फेसबुक के माध्यम से जी सी एन टी वी हिंदी के प्रसारणों को अक्सर देखते थे। जब शिवांश बेहोशी हालात में था, तब उन्होंने डॉ जेरॉक ली की बीमारों के लिए प्रार्थना ग्रहण की और उन्हें दिल्ली मानमिन चर्च से रविवार की सभा में भाग लेने का लिंक मिला।
11 फरवरी को, उनके पापा संजय ने जूम के माध्यम से मानमिन सेंट्रल चर्च की मुख्य रविवार की सभा में भाग लिया। इसके बाद, पास्टर जॉन किम ने एक वीडियो कॉल के माध्यम से शिवांश के लिए प्रार्थना की। थोड़ी देर बाद, शिवांश अपने हाथ हिलाने लगा। पास्टर किम की प्रार्थनाओं के बाद ही उसमें बदलाव आने लगे। शिवांश मुस्कुराया और आवाज देने पर वह प्रतिक्रिया देने लगा। अगले दिन, उसके डॉक्टर ने उसकी नलियों को हटा दिया। वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गया, वह बोलने लगा, सुनने लगा, देखने लगा, चलने लगा और पचाने की क्षमता को पूर्णतः पुनः प्राप्त किया। 20 फरवरी को, शिवांश पूरी तरह से स्वस्थ हो गया था और उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई।
हम हमारे प्रभु के लिए आभारी हैं कि शिवांश, जो एन्सेफेलाइटिस के कारण दो हफ्तों तक बेहोश था, वह बिना किसी भी दुष्प्रभाव के पूरी तरह से ठीक हो गया।