रेंव डॉ जेरॉक ली की किताब पढ़ने के बाद, मैं इस्लाम से मसीहत में आ गया – After Reading Rev dr jaerock lee’s book i converted to Christianity from islam

मैं इस्लाम से मसीहत में आ गया

रेंव डॉ जेरॉक ली की किताब मृत्यु से पहले अनंत जीवन का स्वाद को पढ़ने के बाद मैं इस्लाम से मसीहत में आ गया।

प्रिय रेंव डॉ जेरॉक ली,

मुझे अपने प्रशंसापत्र संस्मरण “ मृत्यु से पहले अनंत जीवन का स्वाद “ के द्वारा उद्धार और ज्योति का मार्ग दिखाने के लिए, मैं अपना आभार व्यक्त करना चाहूंगा। मेरा जन्म उत्तरी भारत में हुआ , मेरी उम्र 24 साल है, और अपोल्लो कम्प्यूटर ऐजुकेशन सेंटर, चेन्नई में मैनेजर हूं।

मैं इस्लाम से मसीहत में आ गया

मैंने एक घटना के कारण दो बार आत्महत्या करने की कोशिश की, जिससे मुझे बहुत कष्ट और पीड़ा हुई लेकिन हर बार परमेश्वरके अनुग्रह के द्वारा बच गया। अगले 8 महीनों तक हालांकि, मेरे जीवन में कोई खुशी नही थी। इस समय के दौरान मेरी बड़ी बहन, जो कि एक मसीही थी, उसने मुझे आपकी किताब दी और कहा, ”यह किताब तुम्हारा जीवन बदल देगी“, परंतु मैंने उस पर विश्वास नही किया।

एक दिन घर पर, मैं ऊब रहा था और मेरी बहन ने मुझे जो किताब दी थी,  मैंने उसे पढ़ने शुरू किया और यह मेरे जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ था। जैसे जैसे मैने किताब पढ़ी, मैं महसूस कर पा रहा था कि, मैं बदलना शुरू हो गया हूं, और अहसास किया कि जो मुश्किले मेरे पास थी वह हमेशा की नही है, और विश्वास किया कि जो चोट मेरे दिल में लगी है, वो भी ठीक हो जाएगी। मृत्यु से पहले अनंत जीवन का स्वाद ने मेरी प्यास बुझा दी। इसके संदेश ने मेरे हृदय को गहराई से छू लिया। मैंने यह भी महसूस किया कि कैसे केवल परमेश्वर ही अनंत प्रेम, परवाह और दया दिखा सकता है।

मैंने संसार की परवाह और चीजों के बारे में चिंता करना बंद कर दिया और स्वर्ग में अनंत जीवन के बारे में सोचना शुरू कर दिया, जहां मेरे पिता परमेश्वर वास करते है। मैंने शारीरिक जीवन जीने के लिए पश्चाताप किया। मैंने पिता के उद्धार के प्रावधान के लिए धन्यवाद के आंसू बहाए,  जिसने आदम के मूल पापों से आदम की संतान को छुड़ाया, और उसकी दया के लिए जिसने मुझे योग्य बनाया कि यीशु मसीह को ग्रहण करूं और उसकी संतान के रूप में उसकी इच्छा और वचन के अनुसार जीवन जीऊं।

जब मैं एक मुस्लमान था, तब मैं कभी भी शांति के दिन का आनंद नही ले पाया और न ही जाना। मसीह बनने के बाद, हालाँकि मैं अपने हृदय में परमेश्वरऔर हमारे प्रभु की शांति को महसूस कर सकता हूं। 

मैं इस्लाम से मसीहत में आ गया

आपकी किताब के द्वारा, मैंने मसीह जीवन जीना शुरू किया, जिससे उद्धार को प्राप्त किया। मैं परमेश्वरसे प्रार्थना कर रहा हूं  – मैने कहा, कि आपकी किताब उन सभी लोगों तक पहुंच सके, जो स्वंय को अंधकार में पाते हैं।

मैं इस्लाम से मसीहत में आ गया

मैं इस्लाम से मसीहत में आ गया. मेरा जीवन पूरी तरह से बदल गया और मैं अपने पिता की शांति में निवास करता हूं, और सारी प्रशंसा, धन्यवाद, महिमा और आदर देता हूं। मैं केवल अपने जीवन के हर एक पहलू को परमेश्वरकी इच्छा के अनुसार पूरी तरह से अगुवाई में चलते हुए देखना चाहता हूं ।

फेरोज ली

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